देवभूमि में एक वो मंदिर है जिसके कपाट सिर्फ रक्षा बंधन के दिन ही खुलते हैं.
देवभूमि में एक वो मंदिर है जिसके कपाट सिर्फ रक्षा बंधन के दिन ही खुलते हैं.
उत्तराखंड देवी देवताओं की भूमि है। यहा के कण कण में भगवान बसे है और देवभूमि में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसके कपाट साल में सिर्फ एक बार रक्षाबंधन के दिन ही खुलते हैं। ये बात सच है और इस मंदिर में भगवान बंसी नारायण चतुर्भुज मूर्ति विराजमान है।
आपको बता दे कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित इस 10 फुट ऊंचे इस मंदिर में साल में सिर्फ एक बार ही पूजा होती है। इस दिन सभी बहनें भगवान बंसी नारायण को राखी बांधती हैं।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित भगवान बंसी नारायण का मंदिर समुद्रतल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। रक्षाबंधन के पर्व पर आसपास रहने वाली बहनें भगवान बंसी नारायण को राखी बांधने के बाद ही अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बंधती हैं। सूर्यास्त होते ही भगवान बंसी नारायण के मंदिर के कपाट एक साल के लिए फिर से बंद कर दिए जाते हैं।
आपको बता दे कि देवभूमि का ये अकेला एक ऐसा मंदिर है, जो सिर्फ रक्षा बंधन के दिन ही खुलता है।.कुंवारी कन्याओं के साथ-साथ विवाहिताएं भी भगवान बंसी नारायण को राखी बांधती हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां पर रक्षाबंधन के दिन भगवान बंसी नारायण अपने भक्तों को दर्शन देते है।
आपको बता दें कि चमोली के जोशीमठ विकासखंड के उर्गम घाटी में स्थित है, भगवान बंसी नारायण का मंदिर।
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