बारिश में पशुओं में पाचन समस्या
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Anurag Shukla | Plant Production Supervisor |
बारिश का आगमन हो चुका है। खेतों में हरे चारे की फसलें लहलहाने लगी हैं। किसान के पास जब पर्याप्त मात्रा में हरा चारा होता है तो उसकी कोशिश होती है कि पशुओं को भरपेट हरा चारा खिलाया जाए। ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि हरा चारा खिलाकर दूध का उत्पादन लेना सबसे सस्ता पड़ता है।
मगर ऐसे समय में किसानों को एक समस्या का भी सामना करना पड़ता है... और वह है पशुओं द्वारा गोबर पतला करना।
इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे...
1. पशुओं के पेट में अगर कीड़े हैं तो उसका गोबर पतला और बदबूदार होगा। गौर से देखने पर गोबर में कीड़े या उनके अंडे दिखाई दे सकते हैं।
2. पशुओं को गन्दा पानी पिलाने से उन्हें अगर कोई बैक्टीरियल या प्रोटोज़ोअल इन्फेक्शन हो गया है तो भी गोबर पतला करेंगे।
3. पशुओं के चारे में अगर नमी बहुत ज्यादा है तो भी पशुओं का गोबर पतला होगा।
अगर गोबर में कोई कीड़े या कीड़ों के अंडे नहीं दिख रहे हैं और न उसमें से बदबू आ रही है तो आपको समझ लेना चाहिए कि पशु को दिए जाने वाले हरे चारे में पानी की मात्रा बहुत अधिक है।
ऐसी स्थिति में आपको हरे चारे की मात्रा थोड़ी कम कर देनी चाहिए और भूसे की मात्रा थोड़ी बढा देनी चाहिए। ऐसा करने से पतले गोबर की समस्या समाप्त हो जाएगी। मगर गोबर में बदबू होने की स्थिति में आपको अवश्य ही दवाओं का सहारा लेना होगा।
दवा उपलब्ध ना होने की स्थिति में पशुओं को पतला गोबर होने पर शीशम की 200 ग्राम हरी पत्तियां पीसकर एक लीटर ताजे पानी में घोलकर सुबह शाम दो दिन तक पिलाने से भी पतले गोबर की समस्या दूर हो जाती है।
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें
भाकृअनुप - केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान
मेरठ छावनी 250001 (उत्तर प्रदेश)
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